दो बच्चों की हत्या, पत्नी पर अटैक फिर पति का सुसाइड.. अनसुलझी मर्डर मिस्ट्री की कहानी हैरान कर रही

नई दिल्ली: तारीख- 20 अप्रैल, जगह- पूर्वी दिल्ली का पांडव नगर। सन्नू को उस रात के बारे में बस इतना ही याद है कि उसने परिवार को खाना खिलाया था और फिर सोने चली गई। उसको याद नहीं कि अपने पति श्यामजी चौरसिया से उसकी किसी भी तरह की कोई बहस या झगड़ा हु

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नई दिल्ली: तारीख- 20 अप्रैल, जगह- पूर्वी दिल्ली का पांडव नगर। सन्नू को उस रात के बारे में बस इतना ही याद है कि उसने परिवार को खाना खिलाया था और फिर सोने चली गई। उसको याद नहीं कि अपने पति श्यामजी चौरसिया से उसकी किसी भी तरह की कोई बहस या झगड़ा हुआ हो। अस्पताल के बेड पर करीब 70 दिनों से कोमा में रही 39 वर्षीय सन्नू चौरसिया को जैसे कुछ होश आया तो उसने सिर्फ यही शब्द कहे, 'बच्चे कहां हैं?' उसने अगला सवाल अपने पति सन्नू के बारे में पूछा। वह अभी भी पूरी तरह से होशोहवास में नहीं थी। यही वजह है कि डॉक्टरों और करीबियों ने उसको बच्चों और पति के बारे में सच्चाई नहीं बताई। हालांकि, हर किसी के मन में सवाल यही है कि आखिर 20 अप्रैल की रात पांडव नगर के उस घर में ऐसा क्या हो गया जो एक शख्स ने अपने ही बच्चों की हत्या के बाद सुसाइड जैसा खौफनाक कदम उठा लिया।

73 दिन बाद भी अनसुलझी है मर्डर-सुसाइड की गुत्थी

पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है। घटना को 73 दिन हो चुके हैं। 73 दिन बाद भी, पुलिस को इस सनसनसीखेज कांड के मकसद को लेकर स्पष्ट रूप से कुछ पता नहीं चला है। वे सन्नू का बयान दर्ज नहीं कर पाए हैं, जो इस पूरी घटना की एकमात्र चश्मदीद हैं। हालांकि, पुलिस इस केस में बेवफाई सहित सभी संभावनाओं की जांच कर रही है। दो मर्डर और एक सुसाइड की अजब पहेली को सुलझाने में पुलिस लगातार लगी है। इसी बीच TOI की टीम बुधवार को पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर स्थित उस घर का दौरा करने पहुंची, जहां ये हत्याएं हुई थीं। हालांकि, वो बंद मिला। उस घर के मकान मालिक से बात की गई तो उन्होंने अपनी अलग परेशानी बताई। उन्होंने कहा कि कोई भी अब उस घर को किराये पर लेने को राजी नहीं है। उस घर में जैसी वारदात हुई इसी वजह से कोई उसे लेना नहीं चाहता।

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आखिर 20 अप्रैल की रात उस घर में हुआ क्या था

अब सवाल ये कि आखिर पांडव नगर के उस घर में 20 अप्रैल की रात क्या हुआ था। पुलिस की ओर से अब तक की जांच में जो कुछ भी बताया गया उसके मुताबिक, उस घर में भयानक घटना घटी थी। इसमें मुख्य आरोपी श्याम जी चौरसिया है, जिसने रॉड से अपने दोनों बच्चों उस रात हत्या की थी। फिर उसने अपनी पत्नी सन्नू पर हमला किया। वो बुरी तरह से घायल थी और बेहोश हो गई। इस बीच आरोपी श्यामजी ने खुद ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। घटना के 73 दिन बाद भी पुलिस को हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। सन्नू अब तक कोमा में थी। अब वो कुछ होश में आई तो पहला सवाल था बच्चे कहां है और पति के बारे में भी पूछा।

कोमा से बाहर आते ही सन्नू ने पूछा बच्चों का हाल

सन्नू के रिश्तेदारों ने उसे बताया कि दोनों बच्चे गर्मी की छुट्टियों में अपने चचेरे भाई से मिलने गए हैं। पति के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वो भी अभी घर पर नहीं है। सन्नू के रिश्तेदारों ने बताया कि आरोपी श्याम जी के हमले में उसके चेहरे और पीठ पर कई कट के निशान थे। सिर पर लोहे की रॉड से वार करने की वजह से बड़ा घाव हुआ था। पुलिस को घटनास्थल से वो रॉड हासिल कर ली थी। सन्नू की बहन ने कहा कि बहन और उनके पति के बीच कुछ भी गलत नहीं था। ये एक खुशहाल परिवार था। कोई वित्तीय परेशानी नहीं थी, कोई पारिवारिक तनाव नहीं था और न ही कोई दुश्मनी थी।

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पिता ही कैसे बना बच्चों का कातिल?

सन्नू की भतीजी ने बताया कि घटना के ठीक 10 दिन पहले, मैं उनसे मिलने गई थी और सब कुछ बिल्कुल सामान्य था। हम वास्तव में एक साथ यात्रा की योजना बना रहे थे। उन दिनों में कोई झगड़ा या बहस नहीं हुई जब मैंने उनके घर पर बिताए थे। हालांकि, कुछ रिश्तेदारों ने खुलासा किया कि श्यामजी ने पिछले एक साल में अत्यधिक शराब पीना शुरू कर दिया था। परिवार के एक सदस्य ने कहा कि उसका इलाज भी चल रहा था और वे काउंसलर की मदद ले रहे थे। सन्नू ने सुनिश्चित किया कि वह अपनी दवाएं नियमित रूप से लें। पुलिस ने कहा कि वे इस बीमारी वाले पहलू पर गहराई से विचार करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे सन्नू का बयान दर्ज करने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन श्यामजी के खिलाफ आरोप कम हो जाएंगे क्योंकि वह अब जीवित नहीं है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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